Jyoti Mishra
08 Mar, 2022
मैं काफी हूं !
बाहर से कोमल अंदर से पाषाण हूं !
सभ्यता और संस्कृति की शान हूं !
कौन कहता है अबला और बेचारी हूं !
सृष्टि का सृजन करने वाली नारी हूं |
Paperwiff
by Jyotimishra
08 Mar, 2022
मैं काफी हूं
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