Jyoti Mishra
Jyoti Mishra 27 Jun, 2024
विचित्र
कितना विचित्र है मनुष्य का मनुष्य द्वारा ठगा जाना किसी की झोपड़ी तोड़ अपना महल बनाना दुःख की घड़ी में जिसको अपने सबसे करीब पाते है आखिर मे उससे भी अपनी खुशियों को छुपाते है अपने चवन्नी के फायदे के लिए किसी को रुपया का नुक्सान करवाते है इतना पेतरा अजमते है लोग यह क्यों भुल जाते है एक दिन सबने जाना है सदा के लिए किसी को नहीं यहां घर बसाना है

Paperwiff

by Jyotimishra

27 Jun, 2024

#thought

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