आज बूँदें बरसने लगीं इस क़दर
पानियों में भी सरगम की आवाज़ है
बे-सबर हो रहे ये नयन आप बिन
अब हमारे नयन ही दग़ाबाज़ है
इन फ़ुहारों को जब जब निहारेंगे हम
इक सुहानी सी तस्वीर मिल जाएगी
बावरे मन को दीदार जब भी मिले
हमको जन्मों की ज़ागीर मिल जाएगी
धड़कनों की सदाएँ जो ख़ामोश थीं
आपकी आहटों से जगी आज हैं
आज बूँदें बरसने लगीं इस क़दर
पानियों में भी सरगम की आवाज़ है
बे-सबर हो रहे ये नयन आप बिन
अब हमारे नयन ही दग़ाबाज़ है
एक अरसे से जिनका किया इंतज़ार
उनके आने से रौनक़ बदल जाएगी
फ़िर से शम्मा जलाएगी परवाने को
बूँद शबनम की फ़िर से छलक जाएगी
मन बना मोर फ़िरता इधर से उधर
लो हुआ इश्क़ का मेरे आगाज़ है
आज बूँदें बरसने लगीं इस क़दर
पानियों में भी सरगम की आवाज़ है
बे-सबर हो रहे ये नयन आप बिन
अब हमारे नयन ही दग़ाबाज़ है
✍🏻इंदू इंशैल
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत सुंदर रचना👌👌
धन्यबाद
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