वो दिन वापस आएंगे
वो दिन वापस आएंगे
......
उड़ेंगे फिर से पंछी बन
तोड़ के हम सारे बंधन
ख़ुशी से झूमेंगी सड़कें
नृत्य करेगा मन स्वछन्द।
कि सब गायेंगे मस्ती में
बुरा पल भूल जाएंगे।
वो दिन वापस आएंगे ।
वो दिन वापस आएंगे।
......
कि ये अवसाद जीवन का
भुला देंगे हम हौले से
फिर स्वाद लेंगें जिंदगी का
भविष्य के स्वर्णिम झोले से
कि शिकवे सब होंगें ओझल
जो अपनो से मिल पाएंगे।
वो दिन वापस आएंगे ।
वो दिन वापस आएंगे।
......
वक़्त ये भी कट जाना है
कड़वा सच घुल जाना है
बेफिकरी के आलम में
समा फिर डूब जाना है
की बेझिल नज़रों में......
जब नज़ारे टिमटिममाएँगे।
वो दिन वापस आएंगे
वो दिन वापस आएंगे
......
शॉपिंग मॉल एवं बाज़ारो की
फिर रौनक बढ़ जाएगी
थिएटर में उमड़ेगी भीड़
जब कोई फ़िल्म नयी आएगी
रेस्टोरेंट और स्ट्रीट फूड के
खाने का लुत्फ उठायेंगे।
वो दिन वापस आएंगे ।
वो दिन वापस आएंगे।
©इंदू इंशैल
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Wah Wah bhuat pyari rachna
Thank you Ekta jee
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