1-
ये फूलों की नजा़कत है
या हाथों की गुस्ताखी।
इक दूसरे को छेड़ने का
बहाना ढूँढ़ ही लेती है।।
2-
हमसे ना करो, बातें बेहिसाब
हम हिसाब मे, थोडा़ कच्चे है।
और न दे पायेंगे, सबूत प्यार का
पर दिल के बहुत अच्छे है।।
©Indu inshail
कुछ ज़ज्बात ऐसे भी
1-
ये फूलों की नजा़कत है
या हाथों की गुस्ताखी।
इक दूसरे को छेड़ने का
बहाना ढूँढ़ ही लेती है।।
2-
हमसे ना करो, बातें बेहिसाब
हम हिसाब मे, थोडा़ कच्चे है।
और न दे पायेंगे, सबूत प्यार का
पर दिल के बहुत अच्छे है।।
©Indu inshail
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.