indu inshail
19 Oct, 2020
मेरी तमन्ना
हो जाऊं में साकार,
किसी के सपने का आकार।
कल्पना मेरी भी खिल जाए,
जो ये जन्म बने अवतार।
मै प्रत्येक अकिंचन का,
समाधान बन जाऊ।
तर जाए मेरा जीवन,
गर दुनिया को कुछ दे जाऊ।
Paperwiff
by Indu_Inshail
19 Oct, 2020
कल्पना को पँख दो
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.