भाभी #SisterInLaw #WomenInSociety #10daysChallangeArticle

The day when a daughter become a daughter in law, she become more responsible. This poem is about that Bhabhi who keep happy her In laws by adjusting herself in new atmosphere.

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indu inshail
indu inshail 14 May, 2020 | 1 min read

भाभी तुम सबसे प्यारी हो।

कभी खट्टी तो कभी मीठी

यादों की फुलवारी हो

भाभी तुम सबसे प्यारी हो।

छोटे सारे दोस्त तुम्हारे

बड़ों की बातों का सम्मान।

ना चाहो फिर भी सुन लेती

पूरे करती सबके अरमान।

भाभी तुम शाम की चाय की जैसी

राहत की ठन्डी बयारी हो

कभी खट्टी तो कभी मीठी

यादों की फुलवारी हो.......

कभी मिश्री जैसी मीठी

कभी मिर्ची जैसी तीखी।

सिखा सब कुछ खुद से करना

और जिम्मेदारी की जंग जीती।

जो थी बेटी घर की दुलारी

बन गई हिम्मत की रानी वो।

कभी खट्टी तो कभी मीठी

यादों की फुलवारी हो.......

कभी ठन्डी की गुनगुनी धूप

कभी गरमी मे A. C. का रूप।

ढल जाती हो हर माहौल में

जैसे starter के साथ

Complementary soup.

Pizza में cheese की जैसी

Demand में full भारी हो।

कभी खट्टी तो कभी मीठी

यादों की फुलवारी हो.......

भाभी तुम सबसे प्यारी हो।

- इंदू इंशैल

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indu inshail

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Comments

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  • Er kailash Jaiswal · 4 years ago last edited 4 years ago

    Such a beautiful and meticulous description about bhabhi maa.... Beautiful !!

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