बारिश, सपने और किस्मत

एक बारिश खुशी की फुहार के साथ साथ कई सारे तूफान भी लाती है। देखते हैं इस साल की बारिश ने ममता और हरिया की जिंदगी को कैसा मोड़ दिया?

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indu inshail
indu inshail 16 Jul, 2020 | 1 min read
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3 दिन तक लगातार मूसलाधार बारिश हुई और गांव का हर गली नुक्कड़ तालाब, सब भर गया। ममता को तो बहुत मजा आ रहा था। जितनी बार भी बारिश हल्की होती, वह फटाफट बारिश की बूंदों का मजा लेने के लिए छत पर चली जाती।

लेकिन हरिया का दिल, डूबा जा रहा था। मानो उसके दिल और दिमाग दोनों जगह, बाढ़ का सैलाब आ गया हो। आंखों में दर्द और आसूओं को छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए वह घर से, अंदर-बाहर, अंदर-बाहर करता रहा।

अभी बारिश से हफ्तेभर पहले, ही मैंने अपने खेत में अरहर, उड़द, मक्का और धान की फसल लगाई थी। सेठ के यहां से पैसे उधार लेकर बीज खरीदे थे। कहां पता था, के अचानक से इतने बादल आ जाएंगे और आए भी तो खुशी थी कि चलो कई हफ्तों से, निगल जाने वाली भीषण गर्मी का नाश हुआ। लेकिन 3 दिन तक के लगातार बारिश से तो खेत में, बीज ही सड़ जाएंगे तो फसल क्या होगी। हरिया का ये सोच-सोच के दिल बैठा जा रहा था। हर गर्जना के साथ साथ उसको लगता था कि उसका दिल भी ना निकल के बाहर आ जाए। चिंता के मारे,बारिश के ठंडे माहौल में भी वह पसीने से लथपथ था।

ममता से नहीं रहा गया तो आखिर उसने पूछ ही लिया कि इतना अच्छा मौसम है फिर भी आपके चेहरे पर,पता नहीं क्यों मायूसी का पहरा छाया हुआ है?

हरिया को मानो किसी ने सुई चुभा दी। वह एकदम से फट पड़ा। हां! बहुत परेशान हूँ। समझ में नहीं आ रहा कि ऐसे ही बैठ कर विनाश देखता रहूं या स्वयं भी जाकर इसी बारिश के पानी में डूब मरु। यह सुनते ही ममता, मानो जड़ हो गई। ममता की सारी खुशी, पल भर में उड़न छू हो गई। लेकिन हरिया बोलता रहा।

अगर ऐसे ही और 1 दिन और अधिक बारिश होती रही तो सारी फसल खराब हो जाएगी। हम पहले से ही गरीब हैं और पूरे साल भर के लिए, खाने का एक अन्न भी नहीं जुटा पाएंगे। सेठ का कर्जा देना , सो अलग से। 

सोच रहा था, अपना सोनू भी 4 साल का हो गया है। इसी साल से उसे भी स्कूल में डाल दूंगा। सारे सपनों पे इस बारिश ने, पानी ही नहीं फेर दिया बल्कि ऐसा डुबो दिया है कि उबरना मुश्किल है।

सुनते - सुनते ममता वहीं पर बैठ गई और ईश्वर से प्रार्थना करने लगी। उस रात, ममता और हरिया के आंखों से नींद कोसों दूर थी। बारिश भी थोड़ी मद्धम हो चली थी। पूरी रात ईश्वर से प्रार्थना करते-करते कब दोनों की नींद लग गई, पता ही ना चला।

जब सुबह चमकती हुई सूरज की किरण ने, घर के दरवाजे पर दस्तक दी, तो ममता एकदम से चहक उठी। जल्दी से, हरिया को जगाकर कहा...देखो देखो आसमान कितना साफ है। आज बारिश नहीं होगी और हमारे सपने भी नहीं धुलेंगे। हरिया जल्दी से तैयार होकर खेत का जायजा लेने घर से निकल पड़ा।

वहां पहुंचकर उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। बहुत ज्यादा बारिश की वजह से खेत की मेड़ टूट गई थी। जिससे खेत में बहुत सारा पानी इकट्टा नहीं हो पाया और उसकी फसल भी डूबने से बच गई। वह मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद देने लगा कि हो ना हो यह आपका ही आशीर्वाद है। हरिया का मन अब खुशी से नाच रहा था और उसके सपने भी पूरे होते हुए दिखाई पड़ रहे थे।

©इंदू इंशैल


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indu inshail

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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Babita Kushwaha · 4 years ago last edited 4 years ago

    भावनात्मक कहानी

  • indu inshail · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you babita jee

  • Neha Srivastava · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर रचना💐💐

  • indu inshail · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you neha

  • Shailendra Kumar · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wow! well written and happy ending. :)

  • indu inshail · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you shailendra

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    Superb story,narrated beautifully

  • indu inshail · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you dear

  • Ektakocharrelan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wonderful

  • indu inshail · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thank you Ekta jee

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