मेरी हाँ से लेकर ना तक
हर बात की तह तक पहुँच जाती है
ऐसे ही नहीं में तेरी बड़ी बहन हूँ
ये कहके हक वो जताती है।
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माँ से भी ज्यादा जो करे फिकर
हर राज मुझे बतलाती है
कभी तैश में आकर रख दे फोन
तो कमभी फटकार लगाती है।
ऐसे ही नहीं में तेरी बड़ी बहन हूँ
ये कहके हक वो जताती है।
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मेरी सबसे अच्छी दोस्त वही
कभी आलोचक बन जाती है
मेरी हर एक सफलता पर वो
फूले नही समाती है
ऐसे ही नहीं में तेरी बड़ी बहन हूँ
ये कहके हक वो जताती है।
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जब तकलीफों से मैं गुजरू
तो दर्द उसे भी होता है
मैं लाख छुपा लूं गम को
पर उसका दिल रोता है।
वो माँ नही है लेकिन
माँ का हर फर्ज निभाती है
ऐसे ही नहीं में तेरी बड़ी बहन हूँ
ये कहके हक वो जताती है।
- इन्दू इंशैल
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