बेहिसाब बेरूखी है
जिन्दगी में मगर
तुम पास हो तो
मायूसी रुठ जाती है।
चेहरे की चमक धीरे से
होठों पे जब खिलें
तुम्हारे होने का एहसास
शरमाई आखें बयां कर जाती हैं।।
-इन्दू इंशैल
This Peice of poem is about a two soul connected to each other. Sometimes our body language is enough to express the all love feelings.
बेहिसाब बेरूखी है
जिन्दगी में मगर
तुम पास हो तो
मायूसी रुठ जाती है।
चेहरे की चमक धीरे से
होठों पे जब खिलें
तुम्हारे होने का एहसास
शरमाई आखें बयां कर जाती हैं।।
-इन्दू इंशैल
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