प्रिया को स्वभाव बड़ो अच्छओ और मिलनसार हतो। उके जेइ स्वभाव से बा मोरी बहुत अच्छी सहेली बन गई हती। कॉलेज में हम जा भी जाये जो भी करे सब कछु संगे ही करत ते। हम दोनउ को घर मे एकइ कॉलोनी में हतो एइसे हम कॉलेज आबो जाबो भी संगे ही करत ते। कॉलेज में पांच साल एत्ते जल्दी गुजर गए कि पतो ही नाइ चलो। ई बीच हमाई दोस्ती और पक्की हो गई ती।
कॉलेज पुरो होबे के बाद हमाओ मिलबो अब एक दूजे के घर पे ही होउत तो। एक देना बा बड़ी चेंगारी और खुश हती, उने बताओ की उके पापा ने उको ब्याह पक्को कर दओ है।
"अच्छा जो तो बड़ी खुशी की खबर है, जो बता की को है उ लकी पर्सन, का करत है?" मैंने बड़े उतावलेपन से कई।
"अरे मैं तो उसे अबे मिली नइया, उको नाओ विकास है और नाम के अलावा मोये कछु नाइ पतो" प्रिया ने कइ।
"आज के टेम में कोउ खा बेना जाने ते ब्याओ करबे खा कैसे राजी हो गई? एकउ बेर मिली भी नइया, कम से कम एक बेर मिलबो तो जरूरी है" मैंने गुस्सन में क"सो का हो गओ। मोरे पापा उके परिवार खा जानत है बड़ो अच्छओ खानदान है उनको। और मोरे पापा की बात में नाइ टाल सकत बे जो करें अछ्यो ही करे।" केह के प्रिया ने मोये चुप करा दओ।
मैं अपनी सहेली की खुशी में मिल गई। एक मइना के भीतर बढ़िया धूमधाम से प्रिया को ब्याओ हो गओ। ब्याओ के पंद्रह देना बाद उको मैसेज आओ। मैं झट्टई तैयार होके उके घर की लाने चल पड़ी। मोरे मन मे बड़े सवाल आ रये ते। विकास कैसो लड़का है? ससुराल कैसो है? पेली रात कैसी रइ जैसे मोल्लकेलो शरारती सवाल मोरे अंदर कूद रये ते। अपने सवाल लेय मैं उके कमरा में पोची।
प्रिया ने जैसई मोये देखो मोसे गले लगके फुट फुट के रोऊंन लगी।
"का भओ मैडम? मायके आउतन ही पति की याद सताऊंन लगी का?" मैं मजाक में बोल के उखा हँसाबे की क़ोशिश करी। तनक शांत होके ने बताओ की उने तो कबहु सोचो भी नइया तो के मोरे संगे ऐसो हुईए।
"साफ साफ बता के का भओ" मोये चिंता सी होंन लगी
"लड़का तो मोये ब्याओ की रात ही छोड़ के चलो गओ जा उ नोकरी करत तो, मैं तो घूँघट में उकी बाट हैरत ही रह गई। बारे रोबो धोबो चलत रओ पर मोये कछु समझ नाइ आओ की का भओ। मोये तो सोबेरे पतो चलो जब सास ससुर मोसे माफी मांग रए हते। फ़ोन पे लड़का खा सब जनन ने समझाबे की कोशिश करी लेकिन उ नाइ मानो और उने आपनो फोन बंद कर लओ। जब पापा आए तो मोये सीने से लगाकर खीब रोये और मोये एते ले आये। ई सबको जिम्मेदार पापा खुद खा मान रये है मोसे ज्यादा बोरओ तो पापा खा लग रओ है कि कये बे लड़का के परिवार की बातन में आ गए और अपनी बिटिया की जिंदगी खराब कर दई। कये से लड़का के घरवालन खा पेला से पतो हतो की लड़का को कोउसे चक्कर चल रओ लेकिन बेई आम धारणा के ब्याओ के बाद लड़का सुधर जै है सो उनओर ने दबाव देके लड़का को मोसे ब्याओ कर दओ।"
दोस्तो प्रिया के जैसे और मोल्लकिलो लड़कियन के संगे ऐसो धोको होत है। लोगन की जो सोचबो बिल्कुल गलत है के ब्याओ के बाद लड़का सुधर जे है ऐसो करबे से बे अपने लड़का के संगे संगे उ बिटिया की भी जिंदगी खराब कर देत है।
स्वरचित, मौलिक
@बबिता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बढ़िया
Dhanyawad
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