किसानन को लॉकड़ाउन

व्यंग्यात्मक लघु कथा

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 16 Apr, 2021 | 1 min read
Corona Farmer Lockdown

"का हुआ रे, काहें ऐसो मो लटकाएं बैठो है" मनोज ने नंदू को देखते ही कहा

"अब का बताएं भज्जा, जो कोरोना हमाई जान ले चाये नाई पर ई लॉकड़ाउन से हम और हमाओ परिवार नैच्चै मर जे है"

काहें, सरकार ने हमाये लाने ही तो जो लॉकड़ाउन लगाओं हैं एइमे हमाओ सबको भलो हैं। मोये देख जैसई लॉकड़ाउन लगवे की ख़बर मिली तुरंत गांव चलो आओ। हमाये बॉस ने तो के दई है जोलो जो कोरोना-वोरोना न चलो जाएं ऑफिस आबे की जरूरत नईया घर से ही काम करो उ कात है न "वर्क फ्रॉम होम"

"हाँ भज्जा हम समझ गये अब हम किसानन खा भी "वर्क फ्रॉम होम" करने पड़ है तबहु ई कोरोना से पीछो छूट है।" हताश मन से बोलता हुआ नंदू घर की और चल पड़ा।


@बबिता कुशवाहा

स्वरचित, अप्रकाशित








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