"तोरे समझ मे काय नाइ आउत दो दो बच्चन खा अकेली कैसे पाल है और ई में गलत बात का है तोरे पति को ही तो भाई है" सास बोली
"आज बे होते तो कोनऊ आंख उठाबे की हिम्मत न करतो। बच्चन को बहानो लेके सब का चाहत है मोये अच्छे से पतो है" रीना ने जवाब दओ
"ठीक है सो, हमे का करने हम तो तोरे अच्छे के लाने कात ते। देखत है कैसे पालत है दोनउ बच्चन का अकेलो।" सास ससुर ने कई
"अपने बच्चन खा पालबे के लाने मोये कोउ को झूठो सहारो नाइ चाने। मैं अकेली ही भोत है बच्चन खा माँ बाप को प्यार देबे के लाने।"
रीना को जवाब सुन के सास बोरओ सो मौ बनाउत चली गई। एक हादसा में रीना के पति को देहांत हो गओ तो। उके जाबे के बाद बीमा के पइसा रीना और बच्चन खा मेलवे बाले ते। जो सास ससुर रीना खा पेला बिल्कुल पसंद न करत ते उनको व्यवहार एकदम से बदल गओ। औऱ बे रीना को ब्याओ अपने दूसरे बेटा जो पुरो शराबी हतो, से करवाबो चाहत ते। बे जानत ते के पढ़ी लिखी रीना हमसे दूर अपने बच्चन को लालन पालन कर ले है। और अगर बा फिनकई ब्याओ करके एइ घर मे आ जे है तो बीमा के पइसन पे भी उनको हक हो है। एइसे बच्चन को बहानो ले के उके ब्याओ के लाने जोर दे रये हते। लेकिन रीना उनकी चाल खा समझ गई ती और कोउ को सहारो न ले के अकेले ही बच्चन खो पालबे को दृढ़ निश्चय कर लओ तो।
स्वरचित, मौलिक
@बबिता कुशवाहा
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