मेरी और रवि की पहचान एक पारिवारिक समारोह में हुई थी। हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। रवि को अपनी फैमिली को शादी के लिये मनाने में चार साल लग गए। रवि की जिद के आगे आखिर फैमिली वालों को झुकना ही पड़ा और मैं दुल्हन बन ससुराल आ गई।
हर लड़की जिस दिन से सबसे ज्यादा घबराती है वह शायद शादी के बाद ससुराल में पहला दिन होता है। भले ही मैं रवि को जानती थी पर रवि की माँ के बारे में सोच सोच कर मेरे हाथ पैर फूल जाते थे। जब रवि ने शादी का प्रस्ताव रखा था तो उन्होंने साफ मना कर दिया था| वो अपने पसंद की लड़की से शादी करवाना चाहती थी, लेकिन रवि भी अपनी जिद पर अड़ा रहा और माँ को मना ही लिया।
शादी तो हो गई पर पता नहीं माँ मुझे मन से कभी स्वीकार करेंगी या नहीं, यही चिन्ता मुझे खाई जा रही थी। जैसे जैसे गाड़ी ससुराल के घर की ओर बढ़ रही थी वैसे वैसे मेरी धड़कनें बढ़ती जा रही थीं। हमारे यहां रिवाज है कि बहु की जब तक मुँह दिखाई न हो जाये तब तक उसका गृह प्रवेश नहीं होता इसलिए मुझे बगल वाले जो मेरे चाचा ससुर का घर था वहाँ बैठा दिया गया। कमरे में पहले से ही कुछ औरतें बैठी थीं। औरतें मुझे ऊपर से नीचे तक देखती फिर आपस में खुसर फुसर करने लगती। भले ही मैं घूँघट में बैठी थी पर पारदर्शी साड़ी से साफ दिखाई दे रहा था। भारी गहनों और साड़ी के कारण मुझे ज्यादा बैठा भी नहीं जा रहा था, थोड़ा इधर उधर हिलती तो सब औरतें फिर देखने लगती| रात भर के जागरण के कारण नींद आ रही सो अलग, पर मैं कर भी क्या सकती थी! रह रह कर रोना आ रहा था। मैं नई नई ज्यादा किसी को जानती भी नहीं थी और न ही किसी के स्वभाव जानती थी, पता नहीं कब कौन क्या बोल दे।
मन में बहुत से सवाल आ रहे थे, मन मे संकोच था कि अपना निर्वाह यहाँ हो पायेगा या नहीं, मेरा स्वभाव घर के सदस्य समझ पाएंगे या नहीं| ऊपर से रवि की माँ जो अब मेरी सास थी उनकी टेंशन अलग। इसी बीच किसी ने आवाज दी, ससुराल की रस्में शुरू हो गई थीं, एक के बाद एक सभी रस्में हो रही थीं पर मेरा दिमाग अलग ही चिंता में था।
कुछ देर बाद मेरी ननद जो लगभग मेरी उम्र की ही थी उसने मुझे फ्रेश होकर तैयार होने को कहा। पास पड़ोस की औरतें और कुछ रिश्तेदार बहु को देखने आने वाले थे। कुछ देर बाद मैं घर के आँगन में और मेरे चारों तरफ औरतों का जमावड़ा। इसी बीच किसी ने मुझसे गाने की फरमाइश कर दी। गाने का नाम सुनते ही मैं घबरा गई, मेरे हाथ पांव फूलने लगे।
"गाना" वो भी इतनी सारी औरतों के बीच। एक तो मुझे गाना आता नहीं और अगर जैसे तैसे कुछ गा भी दिया और कुछ गलती हो गई तो पता नहीं क्या क्या बोलेंगे। एक ने तो मेरे सामने ढ़ोलक भी सरका दी "लो बहु गाओ और बजा कर भी दिखाओ"।
ठंड के दिनों में भी मैं पसीने से भीग चुकी थी| इसी बीच मेरी सासु माँ की आवाज सुनाई दी "आज कल के बच्चों को गाना कहाँ आता है? ये सब तो हमारे जमाने की बातें थीं। पढ़ाई लिखाई करे या ये गाना बजाना सीखे! तुम लोग ही कुछ गा दो, उसे परेशान मत करो"| इसके बाद किसी ने भी मुझे गाने के लिए नहीं बोला।
रात को ननद मेरे लिये खाना लेकर आई। खाने में छोले की सब्जी, रोटी और चावल थे। रवि ने मुझे बताया था कि हमारे यहाँ चावल कोई पसन्द नहीं करता इसलिए बहुत कम या जब कोई आये तब ही बनते हैं। लेकिन मेरा तो बिना चावल खाये पेट की संतुष्टि ही नहीं होती, मुझे तो रोज चावल खाने की आदत थी। मेरे चेहरे के भाव देख कर ननद ने हँसते हुए कहा "भाभी, भैया ने पहले ही आपके पसन्द के बारे में हमे बता दिया था, इसलिए चावल स्पेशल आपके लिए बनाये हैं मम्मी ने।
उसके बाद ससुराल में चार दिन कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। माँ जी और ननद मेरी हर छोटी छोटी जरूरतों का ध्यान रखते। मुझे अपने ऊपर शर्मिंदगी भी हो रही थी, मैंने अपने मन में सबके प्रति गलत ही सोच बना ली थी। शादी के पहले भले सबने मुझे अस्वीकार किया हो पर शादी के बाद सबने मुझे खुले मन से स्वीकार किया था। मायके जाते समय मेरा दिल भर आया, मैंने सासुमाँ के पैर छुए तो उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और बोली "बेटी सास बहू का रिश्ता बहुत ही नाजुक होता है, इसमें जरूरत है एक दूसरे को समझने और थोड़ा वक्त देने की। पहले जो भी था पर अब तुम हमारे घर की बहु और मेरे बेटे की पत्नी हो| इसलिए पुरानी कोई भी बात मन में मत रखना"।
आज हमारी शादी को दस साल पूरे हो गए हैं| घर में रोज चावल बनते हैं और सबको खाना पसंद भी है। घर के सभी छोटे बड़े फैसलों में मेरी राय ली जाती है। शादी के बाद मुझे कभी एहसास भी नहीं हुआ कि मुझे कोई नापसन्द करता था। मैं बहुत किस्मत वाली हूँ जो मनचाहा पति और मुझे समझने वाली सासूमाँ मिली है।
दोस्तों ये मेरा अनुभव है ससुराल का। आप भी अपने अनुभव मुझे कमेंट करके जरूर बताएं। मेरी और रचनायें पढ़ने के लिए मुझे फ़ॉलो जरूर करें।
धन्यवाद
@बबिता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut khoobsurat anubhav h
Thankyou so much dear @indu
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