छतरपुर बुन्देलखंड क्षेत्र में आबे वालो खूबई प्रसिद्ध जिलो है। विविधता में एकता और इकी संस्कृति ही ऐते की चिनारी है। साल भरे में तीन से चार बेर बन-बन के मेलों को आयोजन बड़े त्यौहारो जैसे बुड़की (मकर संक्रांति), दिपावली, सावन के महिनन आदि में होत है। छतरपुर जिले के प्रसिद्ध महोत्सव और मेले जो इखा सबई से अलग बनाउत है....
1. माँ अन्नपूर्णा जल विहार मेलो-
छतरपुर शहर में लगबे वालो इ मेले को विशेष महत्त्व है। हर साले इ मेले में छतरपुर जिले के संगे आस पास के मोलक गांवोंन से भीड़ उमड़त है। मेले खा औरतन के लाने विशेष पारंपरिक तौर पे सजाओ जात है। इसे इ मेले में औरतन और बच्चन की भीड़ ज्यादा देखबे खा मिलत हैं। बच्चन से लेके बड़न तक के लाने झूलन के संगे संगे और भी मनोरंजन होत है। स्थानीय लोगन के द्वारा ख़ूबई संस्कृतिक कार्यक्रम भी मेले में दिखाए जात है।
2. खजुराहों नृत्य महोत्सव-
जो खजुराहों में मनाओ जाबे वालो एक विशेष महोत्सव है। चंदेल राजाओं द्वारा बनो जो खजुराहों को मंदिर विश्वविख्यात है। मार्च के महिना में हरसाले "भारतीय शास्त्रीय नृत्य" के नाम से मनाओ जाबे वालो जो महोत्सव पूरे सात दिना तक चलत हैं। ईमें भारत के मोलक्क विश्वविख्यात कलाकार एते अपनी कला को प्रदर्शन करत है । इ महोत्सव की शुरुआत मध्यप्रदेश सरकार ने सन 2002 में करी ती।
अपने पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के चलत ऐते के मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में अपनी जंगा बना चुके है। खजुराहों मंदिर में हरसाले इ महोत्सव खा देखबे के लाने भारत के संगे संगे विदेशन से भी भीड़ उमड़त है। ऐते के महोत्सव में प्रर्दशन करबो भारतीय शास्त्रीय नृत्य के कलाकारन के लाने एक विशेष सम्मान मानो जात है। कथक, कुचिपुड़ी, ओडिसी, भरतनाट्यम, मणिपुरी और मोहिनीअट्टम जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य को प्रदर्शन श्रेष्ठ कलाकारन द्वारा करो जात है। हेमा मालिनी सहित भारत के मोलक्क प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य के दिग्गज कलाकार ऐते के महोत्सव में प्रस्तुति दे चुके है।
जे कछु विशेषताएं मोरे छतरपुर शहर खा भारत के संगे संगे विदेशन में भी प्रसिद्धि दिलवाउत है।
@बबिता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice
Bahut badhiya 👌
Thankyou @savita ji @kamini ji
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