बहु या बेटी

बुंदेली कहानी (बुन्देलखंडी भाषा)

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 09 Jun, 2020 | 0 mins read

विदा के टेम प्रिया खा समझात माँ ने कई "आज से तोरे सास ससुर ही तोरे माँ बाप है।" तो सरिताजी ने कई "तम चिंता न करो समधन जी बहु नाइ बिटिया ले जा रए है"

आज ससुराल में प्रिया को पहलों दिन हतो सो सोबेरे सोकाऊ नहा धो कर तैयार हो गई। बहु खो देखबे के लाने अबे रिश्तेदारन को आबो जाबो लगो तो। प्रिया की सास सरिताजी भीतर आई "अरे! जो का बहु ते तो एसई बिना घूँघट के मो ओगारे बैठी हो। अबे नओ नओ ब्याह भओ है सबखा एइसे मो देखाउत फिरहो का? चलो घूँघट कर लो"

पहले दिना ही प्रिया खा अपनी सास से ऐसो व्यवहार की उम्मीद नाइ हती। शादी के पेला फोन पे जब भी कबहु बात होत ती तो जेई कात ती की रिया के घाई तुम भी हमाई बिटिया हो सो बिटिया के घाई राखबी सो जो घूँघट के लाने फेर.?

प्रिया ने सोची अबे रिश्तेदारन को आबो जाबो है सो ऐसो बोल रही हुईए। प्रिया ने उनकी बातन खा दिल से नाइ लगाओ और घूँघट कर लओ।

लेकिन मेहमानन के जाबे के बाद भी सरिताजी चाये जब प्रिया खा घर मे घूँघट के लाने टोकत रात ती। कोनऊ न कोनऊ बात पे बहु जो मत करो, बहु उ मत करो,बहु की घाई राओ। प्रिया खा कबहु कबहु तो लगत तो के अब भोत हो गओ अब मैं और नाइ सुनहो लेकिन परिवार में क्लेश न हो सो शांति बनाए रखबे के लाने कोउ से कछु नाइ बोलती और कबहु पलट के जवाब न देती।

हँसबे खेलबे वाली प्रिया अब गुमसुम रान लगी ती, ससुराल में उये घुटन सी होंन लगी। प्रिया के मायके से कोनऊ मिलबे आतो तो सरिताजी सबसे जेई काती की की प्रिया तो हमाई बिटिया है बिल्कुल बेटी की घाई राखत है हम। एक दिना फिर सरिताजी ने प्रिया खा जोर ज़ोर से हँसबे और बात करबे के लाने टोको। और बोली माँ बाप ने कछु संस्कार नाइ दये का की बहूअन खा कैसो राने आउत।

माँ बाप के संस्कार पे सवाल उठाबे पे प्रिया खा अब रओ नाइ गओ और बोली "माँजी आज तम मोये बताई देओ की एते मोये बेटी की घाई राने के बहु की घाई। एक तो तम सबखा काती के प्रिया हमाई बेटी है सो का बिटिया घर मे घूँघट में राती का..? बेटियां घर मे सबसे बाद में खाती का..? बिटीयन खा जोर से हँसबे बोलबे की आजादी नइया का..? सिर्फ के देबे से बहु बेटी नाइ बन जात अपने व्यवहार और सोच में भी बहु खा प्यार और आजादी देने पड़त।

सरिताजी के एंगर प्रिया की बातन को कोनऊ जवाब नइया तो। वे चुपचाप भीतर चली गई।

मोरी कहानी अच्छी लगी होये तो लाइक और कमेंट जरूर करियो। धन्यवाद

स्वरचित, मौलिक

@बबिता कुशवाहा



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