रंगोली बनाउत टेम सीमा सोच रइ हती की जा दिवाली भी एसई चली जाने। आठ साल हो गए ब्याओ भये हर बेर जेई लगत की शायद आसोन की साल दिवाली पे नन्ही किलकारिया गूँजे। तीन बेर मिसकैरेज होबे के बाद सीमा पूरी तरह टूट चुकी ती पर उने हिम्मत नही हारी ती। उ खा विश्वास हतो की भगवान उ की प्राथर्ना जरूर सुन्हे। तबहु उ को पति रवि भीतर आओ उ के हाथ मे एक बच्ची हती।
"अरे!रवि ये मोड़ी कौन है" सीमा ने पूछो
"एक हादसा में मोरे ऑफिस के कलिग और उकी पत्नी की मौत हो गई। कलिग के घरवाले कल तक ही ऐते आ पेहे। मो से ई बच्ची को रोबो देखो नई गओ सो मैं ई खा घरे ले आओ काल ई के रिश्तेदार आ है तो ले जे है।"
उ बच्ची को मासूम मोहँ देख के सीमा की ममता बाहरे आ गई। उने तुरन्त बच्ची खा अपनी ओली में ले लओ और बोली "ई की माँ अबे जिंदा है अब जा एते से कउ न जे है। ई दीवाली हमाये घर मे भी नन्ही किलकारिया गूँजेगी।"
मोरी कहानी पसन्द आये तो लाइक जरूर करियो। धन्यावाद
@बबिता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Touching
Thanks
Please Login or Create a free account to comment.