सुहाने मौसम को मजो

ब्याओ के बाद जिंदगी बदल जात है

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 07 Jul, 2020 | 0 mins read
Dream

मम्मी..... मम्मी...... सोउत में का बड़बड़ा रइ हो झट्टई उठो। प्रिया हड़बड़ाके उठ बैठी। कछु समझ न सकी उके पेला ही मिनी बोलन लगी "मम्मी देखो तो तनक पापा ने मोरी आज फेर स्कूल की छुट्टी करवा दइ" प्रिया ने घड़ी की तरफ घिचिया घुमा के देखी तो 8 बजत राये।

"ओह्ह! तो जो सपनो हतो" प्रिया ने उदास भरे मन से कई

"सपनो! कैसो सपनो.. कौन सो सपनो..." रवि एक हाथ मे चाय की ट्रे और दूसरे हाथ मे मिनी के लाने दूध लेआउत बोलो।

"आज इत्तो लेट हो गई तमने उठाओ काये नइया मोये" प्रिया ने कइ।

"तम गेहरी नींद में हती, खिड़की से देखो तो बारे बारिश हो रई ती सो सोचो बीवी खा तनक नींद के मजे लेबो दये जाए जोलो हमाये लाने चाय और मिनी खा दूध तैयार कर लओ। बारिश के बजह से मिनी की भी स्कूल की छुट्टी करवा दई।"

प्रिया तो अबे भी ख्वाबन मे ही डूबी राये। कित्तो सुंदर सपनो हतो। इत्तो हसीन मौसम और रवि को संग। ब्याओ के बाद तो कबहु ऐसे मौसम में रोमांस को लुत्फ उठाबे को मौको ही नई मिलो। काश.....

"तनक बारे तो देखो कित्तो सुहानो मौसम है" रवि ने फिरकई प्रिया को ध्यान तोड़ो।

प्रिया सोचन लगी जेइ शादीशुदा जिंदगी की सच्चाई है। परिवार और बच्चन के बाद सुहाने मौसम को मजा सपन घाई समुद्र किनारे कोनऊ बीच में नई बल्कि घर के भीतर बैठ के बालकनी से बारे झांक के लओ जात है। उने रवि की और देखो जो ओइ खा देख रओ तो और एक बार फिर प्रिया चाय की चुस्कियन और रवि के संगे सुहाने मौसम को मजो लेन लगी लेकिन इ बार सपनन में नई हकीकत में।

मोरी कहानी नोनी लगे तो कंमेंट जरूर करियो। धन्यवाद

@बबिता कुशवाहा

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Babita Kushwaha

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