श्रीदेवी आज भले ही हमारे बीच न हो पर उनके द्वारा निभाये गए किरदार आज भी जीवित है। उनके द्वारा की गई कई फिल्मों में से एक है इंग्लिश विंग्लिश।
इंग्लिश विंग्लिश 2012 में आई एक ड्रामा फ़िल्म है। श्रीदेवी के 15 सालो के लंबे अंतराल के बाद यह उनकी पहली फ़िल्म थी। फ़िल्म की कहानी में आज के समय मे अंग्रेजी भाषा की जरूरत को दर्शाया गया है। आजकल हर शिक्षित इंसान अंग्रेजी बोलना अपना स्टेटस समझता है। अगर आपको अच्छी और ऊंची सोसायटी में रहना है तो आपको अंग्रेजी बोलना आना चाहिये।
फ़िल्म की कहानी शशि नाम की एक महिला की है जिसे अंग्रेजी बोलना नही आती। और इसी कारण वह अपने पति और बेटी से अपमान झेलती है। माँ को अपने स्कूल पेरेंट्स मीटिंग में ले जाने में बेटी को शर्मिंदगी होती है। इन्ही सब के चलते शशि अंग्रेजी सीखने का निश्चय करती है और एक इंग्लिश लर्निंग क्लास में दाखिला ले लेती है। और काफी हद तक सीखने में कामयाब भी हो जाती है।
वैसे तो हम अंग्रेजो कि गुलामी से मुक्त हो गए पर अंग्रेजी के जरूर गुलाम बन गए है। आज यदि किसी को फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते देखते है तो स्वयं को हीनभावना से ग्रसित होकर कम समझने लगते है।
इंग्लिश विंग्लिश में यह बहुत बारीकी से दिखाया गया है कि किस तरह अंग्रेजी नही जानने वाला शख्स बैंक, बड़े होटलों या अपने बच्चे के स्कूल मीटिंग में जाने से घबराता है। चार लोग बैठकर यदि अंग्रेजी में बाते कर रहे है तो शशि को वहाँ से बहाना बनाकर उठना पड़ता है ताकि अंग्रेजी न आने से उसका मजाक न बने।
इंग्लिश के साथ साथ फ़िल्म में एक हाउसवाइफ की दशा को भी दर्शाता गया है कि किस प्रकार एक हाउसवाइफ को अपने घर मे ही सम्मान नही मिलता। शशि बूंदी के लड्डू बनाकर बेचती है लेकिन इसे बहुत छोटा काम समझा जाता है। शशि के लड्डू की यदि कोई तारीफ करता है तो उसका पति यह कहकर मजाक उड़ाता है कि यह तो पैदा ही लड्डू बनाने के लिए हुई है।
तो दोस्तो 2012 में आई इंग्लिश विंग्लिश यदि आपने देख भी ली है तो एक अलग विषय और श्रीदेवी के बेहतरीन अभिनय के चलते दोबारा देख सकते है।
@बबिता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सुंदर आलेख
Thankuu अर्चना जी
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