कोनऊ दूसरी औरत के लाने रमेश ने प्रिया खा तलाक दे दओ तो। लेकेन इसे प्रिया पे बड़ो बुरओ असर पड़ो। उने खुद खा कमरा में कैद कर लओ, न कबहु बारे जाबो, न कोनऊ से बतकाओ करती, न कोनऊ की बात को जवाब देत ती। बा बड़े गहरे तनाव और डिप्रेशन में चली गई हती। मोरी हँसबे बोलवे बाली।सहेली जाने का खो गई हती। उको बातूनी और चंचल स्वभाव मैं भूलई नाइ पा रइ ती।
मैं तो अपनी सहेली खा पेला जैसों देखबे चाहत ती। एइसे मोरे भैया बे एक काउंसलर हते उन लो ले गई। प्रिया के बारे मे मैंने पेलउ से उने सब बता दओ हतो। पेले देना जब हम उनके क्लीनिक पोचे तो उनने प्रिया खा कछु पुराने सूखे फूल दये और कई अब जाओ काल आइयो।
मोये बड़ो अजीब लगो औऱ भैया पे ख़ूबउ गुस्सा आओ के भैया प्रिया को इलाज करबे के बजाय उखा फूल दे रये और बे भी पुराने और सूखे। अब पतो नइ प्रिया मोरे बारे में का सोच रइ हुईए। हम दोनउ घरे लौट आये।
दूसरे देना हम फेर भैया के क्लीनिक पोच गए। भैया ने प्रिया से कइ के "प्रिया जी काल के फूल आपखा कैसे लगे, अच्छे लगे के नाइ।"
"नइ सूखे मुरझाये फूला की खा साजे लगत?" प्रिया ने भैया से कई
"फेर आप काय ऐसी हैं? सूखे मुरझाये फूलन की घाई?" भैया ने हँसके कई
भैया को प्रिया खा काल फूल देबे को मकसद मोये समझ आ चूको तो, जो उनके इलाज को ही हिस्सा हतो। मैं ओते चुपचाप बैठी दोनउ को बतकाओ सुन रही ती।
"अच्छओ बोरओ तो सबके संगे होत है, जो तो प्रकृति को नियम है। आप मुरझाई भई बिल्कुल साजी नइ लगत, कोनऊ दूसरे आदमी की सजा खुद खा काये दे? तनक अपने चारऊं तरफ देखो, जा दुनिया भोतइ खूबसूरत है, लेकेन मन के भीतर प्रेम नइ होय तो बारे की खूबसूरती भी नाइ दिखत प्रिया जी"
कछु महीनन में प्रिया की हालत सुधरन लगी ती। भैया के इलाज को भोत असर भओ तो। अब कबहु कबहु तो मोरे संगे घुमन भी जान लगी ती। उने फिर से हँसबो, बात करबो शुरु कर दओ तो। आज बेइ प्रिया मोरी भाभी है। बेई पेला वाली प्रिया बेइ खिलखिलाहट, बेइ चंचलता। भैया के संगे ब्याह भये अब तीन साल हो गए, एक बिटिया भी है फूल घाई। ब्याओ के बाद भैया ने बताओ तो कि बे तो प्रिया खा पेला से ही चाहत ते।जब बा मोरे संगे कॉलेज आउत जात ती लेकन कबहु अपने मन की बात कबहु बोल नई पाये ते। लेकेन अब प्रिया के जीवन मे खुशियन को आगमन हो गओ तो।
प्रेम को पर्दापण जीवन में कब हो जैहें कोई नइ जानत और जो भी कोनउ नइ जानत के कौन कबे और किके मन को छू लैहे।
मोरी कहानी साजी लगें तो कमेंट करके बताइयो जरूर। धन्यवाद
स्वरचित, मौलिक
@बबिता कुशवाहा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह
धन्यवाद @संदीप
Bahut achhi hai
Thankyou @savita vishal
बहुत अच्छी संदेश देती रचना
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