Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 07 Nov, 2020
सुख
जिस सुख की आश में मैं जीवनभर भटकता रहा, वास्तव में वह सुख पाना सिर्फ मेरे ही हाथ में था। अपना धन, समय, विद्या, सहयोग दूसरों को देने में जिस सुख की अनुभूति होती है वह सुख संसार का कोई साधन नहीं दे सकता।

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by Babitakushwaha

07 Nov, 2020

जीवनमंत्र

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