Babita Kushwaha
21 Nov, 2020
पापा की सीख
"अरे रुचिका तुम अभी तक तैयार नही हुई आज तो स्कूल में दौड़ की प्रतियोगिता है न"
"मुझे नही लेना पापा किसी प्रतियोगिता में भाग। पिछली चार प्रतियोगिता में से किसी मे भी मैं विनर नही हो पाई"रुचिका उदास होकर बोली
"बेटा प्रतियोगिता में जीतना जरूरी नही बल्कि उसमे भाग लेना जरूरी है। तुम ईमानदारी से अपना काम करते रहो एक न एक दिन तुम्हे उसका फल जरूर मिलेगा"
रुचिका ने आज स्टेट लेवल पर स्वर्ण पदक जीता है। पापा के प्यार और सीख का ही नतीजा था। अपनी कामयाबी का श्रेय रुचिका ने पापा को ही दिया।
Paperwiff
by Babitakushwaha
21 Nov, 2020
कभी हार न मानो
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Please Login or Create a free account to comment.