मौजूदा हालात में आपने अक्सर लोगो को कहते सुना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करो या आइसोलेशन किया गया है या क्वारंटाइन किया गया है पर बहुत से लोगो को इन शब्दों का सही अर्थ पता नही होता है तो चलिए आज जानते है कोरोना शब्दावली के बारे में।
लॉकडाउन: आपदा या महामारी के दौरान घर से बाहर निकलने पर लगी रोक लॉकडाउन कहलाता है। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जैसे हॉस्पिटल, मेडिकल क्लीनिक औऱ अत्यावश्यक जैसे किराना, बैंक, दूध आदि को छोड़कर सभी सेवाओ पर रोक रहती है। इसका और कड़ा रूप कर्फ़्यू कहलाता है। कर्फ़्यू में कुछ समय के लिए अत्यावश्यक सेवाएं भी बंद रहती है।
आइसोलेशन: इसका मतलब है संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ लोगो से अलग रखना। आइसोलेशन में वह व्यक्ति रखा जाता है जिसमे रोग की पहचान हो गई है और वह रोग से संक्रमित है इसे पूर्ण पृथक्करण भी कह सकते है। आइसोलेशन का फायदा यह होता है कि व्यक्ति किसी स्वस्थ के संपर्क में नही आ पाता जिससे रोग की श्रृखंला बढ़ नही पाती।
क्वारंटाइन: इसका मतलब संक्रामक या संक्रमित मरीजो के सम्पर्क में आये लोगों को अलग करना होता है औऱ उसकी गतिविधियों को सीमित करना होता है। इसकी अवधि 14 दिन से लेकर 28 दिन की होती है इस दौरान देखा जाता है कि क्वारंटाइन किये गए व्यक्ति में रोग के लक्षण तो नही उभर रहे। रोगी के परिजनों और उसके संपर्क में आये लोगो को क्वारंटाइन किया जाता हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग: इसे फिजिकल डिस्टेंसिंग भी कहा जाता है, यानी शरीरिक दूरी। इसका अर्थ है संक्रामक रोग प्रसार के दौरान घर के बाहर लोगो के प्रत्यक्ष संपर्क में न आना या बाहर जाना जरूरी हो तो आपस मे कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखना। इसके अंतर्गत भीड़ और समूह में एकत्रित होने से भी रोका जाता है।
पीपीई: इसका पूरा नाम पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण है। जहाँ संक्रामक रोगियों या विषैले तत्वों के संपर्क में आने का खतरा हो वहाँ स्वयं के बचाव हेतू इसका उपयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत संक्रमित क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को मास्क, कपड़े, चश्मा, हेलमेट, फेस शील्ड, दस्ताने, गाउन, हेडकवर, शू-कवर्स आदि पहनाए जाते है।
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