मनुष्य और प्रकृति

मनुष्य और प्रकृति (कोरोना-कोरोना)

Originally published in hi
Reactions 0
1495
Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 21 Apr, 2020 | 0 mins read

चारो तरफ मचा कोरोना कोरोना

देख के दुनिया की हालत

सबको आ रहा है रोना

आजाद घूम रहा है वायरस

बंद है घरों में खिलौना।

बंद होते ही प्रदूषण के

प्रकृति गाने लगी है गाना

साफ हो गये बादल अब तो

दिखने लगा हिम का बिछौना

पंछी भी चहचहा कर कहना चाहे

लॉक डाउन कभी खुले न।

मान लो अब तो अपनी गलती

प्रकृति का दोहन मत करो ना

आओ हम सब मिल संकल्प ले

कुदरत से छेड़खानी बंद करो ना

प्रकृति को भी उसका हिस्सा दे

इतने भी स्वार्थी मत बनो ना

स्वार्थी मत बनो ना।

स्वरचित, अप्रकाशित

बबिता कुशवाहा

0 likes

Published By

Babita Kushwaha

Babitakushwaha

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.