मैं अखबार पढ़ते हुए चाय का आनंद ले रही थी तभी मेरा 8 साल का बेटा सोम मेरे पास आता है।
"माँ पता है रवि के पापा अभी कुछ दिन पहले ही लंदन से आये थे और अब उन्हें बहुत खतरनाक कोरोना बीमारी हो गई है" उसने बड़ी मासूमियत से कहा।
बेटे का दोस्त होने के कारण रवि और उसके परिवार को मैं जानती थी मैंने सोम से कहा "रवि के पापा जल्दी ही ठीक हो जायेगे तुम घबराओ नही और कोरोना बीमारी नही है यह एक वायरस है। यह खतरनाक तो है लेकिन अगर समय पर इस वायरस का पता चल जाये और सावधानी और सुरक्षा रखी जाए तो ठीक हो सकते है। और इसमे कौन कौन सी सावधानी रखनी है वो तो तुम्हारे पापा ने तुम्हे कल बताया ही था"
"हाँ माँ मुझे सब याद है। बार बार हाथ धोना है, मुँह, आँख और नाक को गंदे हाथों से नही छूना है,बाहरी लोगों से दूरी बना कर रखनी है, किसी से हाथ नही मिलाना है।" बेटे ने एक सांस में मुझे सब उंगलियों पर गिनवा दिया।
बेटे के जाने के बाद मैं फिर अखबार पढ़ने में व्यस्त हो गई थोड़ी देर बाद मेरे पति जो पेशे से डॉक्टर है वो भी आ गए। मैं उनके लिए भी चाय बना कर ले आई साथ मे एक बार फिर एक कप अपने लिए भी।
कुछ देर बाद बेटा फिर आया। पापा को देखते ही एक बार फिर उसने सवालों की झड़ी लगा दी। बच्चे बहुत जिज्ञासु होते है और उनके कुछ सवाल ऐसे होते है जिनके जवाब हमारे पास भी नही होते उन्हें जब तक अपने सवालों के संतुष्ट जवाब न मिल जाये उन्हें चैन नही मिलता।
पापा को देखते ही सोम ने उन्हें भी रवि के पापा की बीमारी वाली बात बताई।
"माँ बोल रही थी कल बाहर खेलने नही जाना है कल जनता कर्फ्यू है। ये जनता कर्फ्यू क्या होता है?"
"जनता कर्फ्यू मतलब जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू" पापा ने एक लाइन में जवाब दे दिया। पर बेटे को कुछ समझ नही आया।
"मतलब"
"मतलब हमारे प्रधानमंत्री जी ने इस रविवार यानी कि कल सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी लोगो को घर पर ही रहने के लिए कहा है कल बिल्कुल भी बाहर नही निकलना है, न सड़क पर जाना है और न मोहल्ले में इकट्ठा होना है" मैंने समझाते हुए कहा
"तो क्या कल मैं खेलने भी नही जा सकता और पापा भी कल घर पर रहेंगे" बेटे ने फिर पूछा
"हा कल तुम घर पर ही खेलना कल बिल्कुल भी बाहर मत जाना। लेकिन क्योंकि मैं डॉक्टर हु इसलिए मेरा जाना जरूरी है अगर मैं भी घर पर रहूंगा तो लोगो को वायरस से कौन बचाएगा उनका इलाज कौन करेगा इसलिए मेरा जाना जरूरी है। और मेरी ही तरह बहुत से डॉक्टर्स, नर्सेस, हॉस्पिटल का स्टाफ, सफाई कर्मचारी इन सबका बाहर जाना भी बहुत जरूरी है सिर्फ यही बाहर जा सकते है।" इस बार पापा ने ठीक से सोम को समझाया
"लेकिन पापा इस जनता कर्फ्यू से क्या फायदा होगा" बेटे ने फिर सवाल दागा
"ये कोरोना वायरस किसी वस्तु या इंफेक्टेड व्यक्ति के माध्यम से ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचता है अगर कोई बाहर नही निकलेगा और 12 घण्टे तक जब इस वायरस को कोई नया शरीर नही मिलेगा तो काफी हद तक इसका विस्तार रुक जाएगा और ऑफिस और दूसरे कार्यलय में ये स्वतः ही नष्ट हो जाएगा समझे मेरे छोटू राम" पापा ने सोम को गले लगाते हुए कहा
"हा पापा मैं ठीक से समझ गया कल मैं घर पर ही रहूंगा और अपने दोस्तों को भी फोन करके घर पर रहने का बोल देता हूं।
दोस्तो इस समय कोरोना पूरी दुनिया मे दहशत फैलाये हुए है इससे बचाव ही एकमात्र इलाज है इसलिए हमें खुद भी सावधानी बरतनी है और लोगो को भी सावधानी बरतने के लिए जागरूक करना है।
@बबिता कुशवाहा
#coronacontest
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