क्वारंटाइन और पति की जिम्मेदारी

लॉकडाउन और जीवनसाथी का सहयोग

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 04 Apr, 2020 | 0 mins read

आज चारो तरफ एक ही बात हो रही है कोरोना कोरोना कोरोना। दूसरी तरफ टेंशन की लॉक डाउन में बाहर जाना बंद अब घर मे समय कैसे पास करे। लेकिन यह बात सिर्फ मर्दो और बच्चो पर ही फिट बैठती है क्योंकि महिलाओं का समय तो अपने आप ही काम की व्यस्तता में पास हो रहा है। पहले तो महिलाएं बच्चो के स्कूल जाने और पति के ऑफिस जाने पर भी घर का काम निपटा कर कुछ समय खुद के लिए निकाल लेती थी लेकिन लॉक डाउन ने उनके इस समय को भी छीन लिया है अब तो सारा दिन बच्चो और पति की फरमाइशें पूरी करने में ही निकल जाता है।

आज मेरी एक सहेली से फ़ोन पर बात हुई उसने बताया कि जब से लॉक डाउन शुरू हुआ है उसके पति दिन भर टीवी के सामने या बिस्तर पर बैठे मोबाइल चलाते रहते है और खाना कब टेबल पर लगेगा इंतजार करते रहते है उनका काम बैठे बैठे सिर्फ आर्डर करने का होता है। जब तक उनसे कहा नही जाए उठ कर पानी का गिलास भी नही लेते। बच्चे घर मे दिन भर हुड़दंग करते है वो अलग। ऐसे मे वो झुंझला जाती है और थकान होना भी स्वाभाविक है इस बीच उसे अपने लिये बिल्कुल भी समय नही मिलता।

उसके फोन रखने पर मैं सोचने लगी कि मेरी किस्मत इस मामले में थोड़ी अलग है। मेरे पति में बिल्कुल भी यह अहं नही है। वो कभी यह नही सोचते कि यह काम मेरा नही है या ये काम मुझे नही करना चाहिए। मेरे हर घरेलू कामो में चाहे वो किचन में मेरी हेल्प हो, चाहे बच्चे को संभालना हो हर छोटे बडे काम मे मेरी मदद करते है। जब पति ऑफिस जाते थे तब जरूर मेरा सारा दिन व्यस्त रहता था। भोजन, कपडे धोना, बच्चो की देखभाल, फल सब्जी की खरीददारी सब काम मेरे ही जिम्मे था। पर अब लॉक डाउन के कारण पति घर पर ही रहते है आजकल मेरा आधा काम उन्होंने हथिया लिया है उनका कहना है कि अकेले फ्री बैठने से अच्छा है दोनो मिलकर काम करते है और दोनो साथ मे फ्री बैठते है। छोटे से छोटे काम मे भी मेरा सहयोग करते है। उन्होंने कभी यह एहसास ही नही कराया कि यह काम मेरा नही है या मैं कैसे कर सकता हु।

अब मैं अपने खुद के लिए पहले से ज्यादा समय निकाल लेती हूं। मुझे लिखने का शौक है। मुझे डिस्टर्ब न हो इसलिये बेटे को भी अकेले संभाल लेते है। सच कहूं तो स्वयं को बहुत लकी मानती हूं कि मुझे उनके जैसा पूर्ण सहयोग करने वाला जीवनसाथी मिला है।

तो भई अब आप भी देर न करें। इस क्वारंटाइन में आपको मौका मिला है एक आदर्श पति बनने का तो इस अवसर को हाथ से न जाने दे पत्नी के काम में सहयोग करें और लॉक डाउन के मजे उठाये। मिलजुल काम करने से न केवल काम आसान होता है बल्कि प्यार भी बढ़ता है साथ ही दोनो को एक दूसरे के करीब रहने का मौका भी मिलता है।

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