क्वारंटाइन और टेक्नोलॉजी

लॉकडाउन में हम अपनो से भौतिक रूप से भले दूर है पर भावनात्मक रूप से नही।

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 09 Apr, 2020 | 0 mins read

कोरोना के चलते लोगो को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 21 दिनों तक घरों में रहना बहुत मुश्किल है। लेकिन अगर सुरक्षित रहना है तो इस सख्ती का पालन करना बहुत जरूरी है। इस मुसीबत में हमारा सबसे बड़ा साथी है मोबाइल। मोबाइल हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। सही भी है कि मोबाइल से हमे काफी सुविधायें है। दूर रहकर भी अपने करीबियों से लगातार जुड़े रह सकते है, विडियो कॉलिंग से प्रत्यक्ष एक दूसरे को देख सकते है, सारी दुनिया की जानकारी अपने घर बैठे पा सकते है, इसमे मनोरंजन के भी अनेक विकल्प मौजूद है।

हम भले ही लॉक डाउन जैसी गंभीर समस्या से जुलझ रहे हो पर हम डिजिटल इंडिया में है। आज जमाना इतना बदल गया है कि लोग वीडियो कॉल पर रोका और निकाह भी करने लगे है। आज ही मैंने एक वीडियो देखा था जिसमे लॉक डाउन के कारण विदेश में फंसे व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर ही कुबूल कर निकाह सम्पन्न किया।

पर क्या आपने कभी सोचा था कि स्पर्श न करने को कभी प्रेम समझा जाएगा शायद नही। आज देश और दुनिया में जो हालात है वो यही कहते है कि अगर आप अपने परिवार दोस्तो, रिश्तेदारों से प्रेम करते है और उन्हें स्वस्थ देखना चाहते है तो कृपा उनसे दूर रहे। हम अपनो से दूर तो है पर शुक्र है विज्ञान की टेक्नोलॉजी का। हम विडियो कॉलिंग से न सिर्फ बात कर पा रहे है बल्कि अपने करीबियों को देख भी पाते है और सबसे जरूरी इससे सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटन हो रही जो आज बहुत ही जरूरी बन गई है।

तो भई अब देर किस बात की है आज ही मोबाइल उठाये और अपने करीबियों, दोस्तो, रिश्तेदारों को वीडियो कॉल कर उनके हालचाल जरूर जाने और अपना रिश्ता मजबूत करें क्योंकि हम भौतिक रूप से भले दूर हो पर भावनात्मक रूप से आज भी करीब है। घर पर रहे, सुरक्षित रहे।

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