इरफान खान एक अभिनेता से बढ़कर

इरफ़ान खान हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेगें।

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 02 May, 2020 | 1 min read

आज का दिन इतना अलग होगा मैंने कभी नही सोचा था। जब यह सुना कि वह नही रहे। मन को एक पल के लिए विश्वास ही न हुआ। अभी कुछ दिनों पहले ही मैने उनकी फिल्म इंग्लिश मीडियम देखी थी लेकिन यह कभी नही सोचा था कि यह उनके जीवन की आखिरी अदाकारी होगी। ऐसे तो उनके जाने की खबर को आज तीन दिन हो गए है पर मन अभी भी बेचैन हो जाता है जब मैं उनके आखिरी शब्दो के बारे में सोचती हूं। इरफ़ान खान सर का वो आखिरी संदेश आप सभी ने भी जरूर पढ़ा या सुना होंगा वो था

"हेलो भाइयों-बहनों, नमस्कार। मैं इरफान। मैं आज आपके साथ हु भी और नही भी। मेरे शरीर के अंदर कुछ अनचाहे मेहमान बैठे हुए है। उनसे वार्तालाप चल रहा है। देखते है ऊंट किस करवट बैठता है। जैसा भी होगा आपको जानकारी दे दी जाएगी"

ये शब्द जब मैं सोचती हु तो लगता है कि जैसे उन्हें आभास हो गया था कि अब वो ज्यादा नही रुक पाएंगे। शायद उनका वक़्त यही तक था। आज मैं अपनी स्वरचित कविता उनको समर्पित करना चाहती हूँ।

बिना बताए बिना कहे

क्यों इतनी जल्दी चले गए

अभी तो पिक्चर की शुरुआत थी

कम से कम अंत तो आने दिया होता

जिंदगी से कुछ यूं रूठे कि

इंटरवल से पहले ही चुपचाप चले गए

गई तुम्हारी आत्मा है, गया तुम्हारा शरीर

पर मत भूलना कभी कि

जो किरदार तुम निभा गए

वो हमेशा ही जिंदा रहेंगे क्योंकि

जाने से पहले तुम करोडों दिलो में

अपनी जगह बना गए।

@बबिता कुशवाहा

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Babita Kushwaha

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