रामराज

वक्त आ गया है की अब इस देश की स्त्री इस देश में रामराज सुनिश्चित करे ।

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anil makariya
anil makariya 09 Aug, 2020 | 1 min read
Hindi

रामराज (लघुकथा)


राज दरबार लगा हुआ था । आधुनिक रावण सत्ता के नशे में चूर अपने चमचों के साथ आनेवाले चुनाव के विषय में मंत्रणा कर रहा था।

"15 साल से निर्विरोध चुनकर आ रहा हूँ, इसबार कौन आ गया बे मेरे खिलाफ पर्चा भरने?"

बाहुबली नेता अपने चमचों के बीच विदेशी सोफे पर अपना पहलू बदलते हुए बोले।

"सरकार! स्वर्गीय जानकीप्रसाद की मेहरारू है, सामाजिक कार्यों से जुड़ी है।"

मेघू ने शीश नवाकर उत्तर दिया ।

"हरामखोरों तो डरा काहे रहे हो ? ज्योतिष ने बोला था न मेरे राज का अंत 'राम' ही कर सकते है।

अब भगवान कब से औरत का अवतार लेने लगे? हा... हा.. हा!"

नेता का अट्टहास उसके राजदरबार रूपी घर में गूंजने लगा ।

"लेने लग गए है नेता जी! क्योंकि अब रावण नपुसंको के रूप में आने लगे है।

जानकी प्रसाद की मेहरारु का नाम है 'रामदेवी जानकीप्रसाद' इस बार आपके घर का वोट भी राम को ही जायेगा।"

नेता की पत्नी सुपारी काटते हुए जोर से बोली।


#Anil_Makariya

Jalgaon (Maharashtra)

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anil makariya

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Comments

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  • Ankita Bhargava · 4 years ago last edited 4 years ago

    कमाल की लघुकथा

  • Nidhi Gharti Bhandari · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wah bahut badhiya..Jai shri ram🙏

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    निःसंदेह काबिलेतारीफ लघुकथा

  • एमके कागदाना · 4 years ago last edited 4 years ago

    कमाल की लघुकथा, 👌👌👌👌👌

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wahh... Congratulations

  • Ektakocharrelan · 4 years ago last edited 4 years ago

    सुंदर चित्रण

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