जजमेंट डे

क्या कृत्रिम प्रज्ञा (artificial intelligence) कभी ला पाएंगी किताब और कलम के लिए Judgement Day ?

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anil makariya
anil makariya 22 Jul, 2020 | 1 min read
Short story

आखिरकार पेड़ों को बचाने की कवायद के चलते लोगों ने लकड़ी के फर्नीचर का उपयोग छोड़ने की बजाए किताबों को ही छोड़ दिया, जिसके फलस्वरूप कलम का अस्तित्व भी बेमानी हो गया।

कलम और कागज़ की जगह मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ने लगा और उसके साथ ही बढ़ने लगी कलम और किताबों की कब्र की गहराई।

पूरी तरह दफ़न होने से पहले दोनों की हँसी चारों तरफ गुंजायमान थी।

इंसान द्वारा वजह पूछने पर किताबों ने सालों पहले लिखी, मशीनों और कृत्रिम प्रज्ञा द्वारा इंसानों के अस्तित्व को भी उसी कब्र में दफनाने की कहानी सुना दी ।


(स्वरचित एवं मौलिक)

#Anil_Makariya

Jalgaon (Maharashtra)

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