anil makariya
anil makariya 13 Jul, 2020
बंटवारा
इन परों में जान बाकी है। अभी ऊंची उड़ान बाकी है। जितनी बंटनी थी जमीं बंट चुकी। अभी तो फक़त आसमां बाकी है।

Paperwiff

by Anil_Makariya

13 Jul, 2020

अल्फाज़

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