वह बरसात याद है,न!
जिस दिन दिल की बात कही।
न जाने क्यों वो बात कही?
क्या करता दिल हारा था,
तुमसे अपनी दिल की,
बात कहने को बेचारा था।
उस दिन दिल का दामन फैला था।
पर मन न मेरा मैला था।
कह दिया जो कहता था।
हर चाँदनी रात के खाबो में,
तुम भी तो सुन्ना चाहती थी।
जो मैंने उस बरसात कही।
वह बरसात याद है,न!
जिस दिन दिल की बात कही।
Comments
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Nice
Thnx
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