ये भारत की डगर है
चल सके तो दूसरा घर है
एक रोमांचक सफर है
सफर भी होता सपर है
मानवता दिख ही जायेगी दृष्टिकोण अगर है| ये ... 2
अग्नि के पहले की रगड़ है
कठोर सही साथी मगर है
संवाद के लिए मुखर है
पर आस लगाना रेत का घर है| ये ..... 2
कभी पूछना जाती किधर है?
बोलेगी यही 'राहगीर जिधर है?'
क्या ठहराव और क्या अंजाम?
सड़क वही जो मुसाफिर का दर है| ये ..... 2
साथ देने खड़ी हर सुबह और दोपहर है
नासमझों पे ढहाती कहर है,
पर उन्हीं के लिए ले आती शहर है
गर साथ मिला इसका तो
हो जाती बसर है| ये भारत की डगर है.... 2
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