बहुत दिनों से अंतर्मन में उठ रही ये त्रास है,
अब तो निज भी बन गया कश्मीर का द्रास है
कश्मीर से कन्याकुमारी तक बस अखंड भारत की आस है
संपूर्ण भारतवर्ष में संस्कृति ही खास है| क्या
यही
.....
इति के वाद विवाद में गुँथी हुई ये बात है
के अंत और कुछ नहीं यादों की बारात है|
सार को देखें तो यही कहते थे कितनों के मुँह की बात है | क्या यही......
कितनों ने मंदिर हैं तोड़े, मस्जिदें हुई राख हैं
बौद्ध, जैन और सिक्ख भाई भी उदास हैं
निर्माण नहीं विनाश क्यों हुआ ये खास है |क्या यही......
दोस्तों को ज्ञात है
ये जवानी में पढ़ा करते थे तो कुछ मौत कुछ जनम बस बात खतम
फिर बचपने में कहते थे बस इतना सा, क्या यही इतिहास है
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