शब्दो से मानवता की सिद्धि ???( how to win the world with your words ) #my100words story@paperwiff

मानव उसी दिन आत्म~जागृति को हासिल कर लेता है जब उसके भाव को जगा दिया जाता है ...! मैने अपने इस लेख के माध्यम से इसी प्रयास को सृजित किया है ....! बहुत बहुत धन्यवाद ??

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विजय भारती
विजय भारती 12 Aug, 2022 | 1 min read

मानव तुम तो मात्र अपने बौद्धिकता को लेकर प्रसिद्ध हो ,,तर्क और तरक्की के अलावा तुमने पाया क्या है ...?

हे मानव ...! ये भाव ,ये प्रेम ,ये प्रकृति ,तेरे तर्क और तरक्की से कांपती है ...! मानव जरा मानव बनो..!

,मानव तो वो है जो प्रकृति का सृजन करता हो और प्रकृति सदा :- **शासन में नहीं अनुशासन में है ..!

**साधन में नही साधना में है ..!

**चिंता में नहीं चिंतन में है ...!

** वस्तु में नहीं विवेक में है ..!

मानव तेरा ये विकाश तो मात्र विनाश की राह को जाता है ....!

• नादान परिंदे अभी कहा उड़े...?

मासूमियत में वो अपने राह भूल जाते है ..!

कैसे चलेंगे इन जालिम दुनिया में ....?

की नजर आते ही वो अपने चाह भूल जाते है ...!

ये पंक्ति एक भाव है और शायद ये भाव मानव के हृदय को आज निर्वाण दिला दे ....!

कपास के भांति सौंदर्य का निर्माण ही जग के कल्याण का सर्वोत्तम प्रतीक है .....!

कपास के सुंदरता उसके उजले प्रवृति,,उज्ज्वल निवृति और उसके भारहीनता का त्याग में निहित है ....!

यह तीनों अपने आप में बौद्धिकता ,शांति,और समरसता का निर्माता है ...!

आज इस पत्थर हृदय को पिघल जाने दो और जाओ किसी वन में सुनो की कोई जीव तुम्हे नही जानता वो तो मात्र प्रकृति को जानता है जिसे तुम मिटा देने की जिद्द कर बैठे हो ...!

बस ,,जीवन तो वही से आरंभ होगा जहां तुमने प्रकृति ,प्रेम और आत्म चेतना को सृजुत कर दिया ...!

✍️✍️?? विजय भारती

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