विजय भारती
16 Jul, 2022
Picture prompt -3🌱🌱🌺🌷
सवेरे -सवेरे ही कोई संत आज मुझे अचानक से कह रहा था
:- बेटा , वहां वो फूल आज भी खिलते है ,,जिसे तुमने खिलाया था ....!
मुझे वो पुराने दिन अपने आंखो के सामने झकझोर के रख दिए की हां हमने ही वो फूल खिलाए थे ..! ,एक ऐसी जगह जहां न सूर्य था न पानी,बस मेरे और उसके मध्य की जिंदगानी ....!
दिल बार बार यही सोच रहा है की क्या वहां भी फूल खिलते है जहां बसंत नही आते ...?
📝✍️ विजय भारती🖤
Paperwiff
by 2790
16 Jul, 2022
@picture promt -3
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.