ये दिल... ये मेरा (प्रेम गीत)

ये दिल... ये मेरा अब ना मेरे बस में

Originally published in hi
Reactions 0
237

ये दिल... ये मेरा

अब खड़ी कर रहा मुश्किलें हैं

चाहूँ मैं जब भी उसे अनदेखा कर

उसी के पास से गुज़र जाने की

ये दिल... ये मेरा

धड़कता इतनी ज़ोर से

जैसे चींख के उसे बता ही देगा

मेरे एहसासों की बानगी दिखा ही देगा

चाहूँ मैं जितना इसे साधना

उतनी खिलाफ़त कर रहा

मुझसे ही अब मेरा दिल बग़ावत कर रहा


ये दिल... ये मेरा

याद दिला ही देता मुझे उसकी

चाहूँ मैं जितना उसे भूलना

उखड़तीं हैं साँसें मेरी

पर यादें उसकी एक झलक की

ये दिल... ये मेरा

याद दिला ही देता मुझे उसकी


जतन किये लाख मैंने

दिल ना हारूँ उसपर मैं बार-बार एक भी बार

ये दिल... ये मेरा

मोह जाता उसपर बार-बार हर बार


ये दिल... ये मेरा

तोड़के सारे बंधन

चाहे उसे आत्मसात करना

ये दिल... ये मेरा

अब बस में ना मेरे

हठी अड़ा हुआ

चाहे उससे साक्षात्कार करना

चाहूँ मैं जितना इसे साधना

उतनी खिलाफ़त कर रहा

मुझसे ही अब मेरा दिल बग़ावत कर रहा

ये दिल... ये मेरा

ये दिल... ये मेरा

ये दिल.....




मौलिक एवं स्वरचित

@सर्वाधिकार सुरक्षित


~अदिति वर्तिका मित्रा 'अवमि'



0 likes

Published By

अदिति वर्तिका मित्रा 'अवमि'

अदिति_वर्तिका_मित्रा_अवमि

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.