सुन बापू ..
तेरे देश में,
आम आदमी आम नहीं हैं,
ईश्वर,अल्लाह, राम नहीं हैं,
सत्य,अहिंसा कहीं नहीं है,
नियत हमारी सही नहीं है,
बेटी हमरी सेफ नहीं है,
नेता कहते रेप नहीं है,
ठगते है ढोंगी जनता को,
बाबाओं के भेष में,
सुन बापू ..
तेरे देश में,
रोज़गार का नाम नहीं है,
फसलों का भी दाम नहीं है,
करने वाले लाखों है पर,
मिलता उनको काम नहीं है,
अंग्रेज़ी में बात कर रहे है,
हिन्दी का अब ध्यान नहीं है,
भाई - भाई करे लड़ाई,
अब तो ईर्ष्या द्वेष में,
सुन बापू ..
तेरे देश में,
अपराधी को जेल नहीं है,
अपराधों पर नकेल नहीं है,
नोचा,खरोंचा और जलाया,
बेटी है कोई खेल नहीं है,
गांधी जी के तीनों बन्दर,
का आपस में मेल नहीं है,
ख़ून चूस जनता का नेता,
करते है ऐश विदेश में,
सुन बापू ..
तेरे देश में,
जीवन में रफ़्तार नहीं है,
अपनों में भी प्यार नहीं है,
मरने का नाटक करते जो,
मरने को तैयार नहीं है,
उनको बाटें खूब दवाई,
जिनको चढ़ा बुखार नहीं है,
गदहे पीछे छोड़ रहे है,
अब घोड़ों को रेस में,
सुन बापू..
तेरे देश में,
नारी का सम्मान नहीं है,
बच्चे अब नादान नहीं है,
करते है बेटी का सौदा,
सुनो,बेटी है सामान नहीं है,
मंदिर, मस्ज़िद, गुरुद्वारे है,
पर कोई भगवान नहीं है,
राह चल रही बेटी पर,
अब फेंके एसिड फेस में,
सुन बापू..
तेरे देश में,
-©® शिवांकित तिवारी "शिवा"
(युवा कवि एवं लेखक)
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
आज के सच हैं ये भी, 👏👏
बहुत शुक्रिया आदरणीया मैम❤️🙏
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